स्कूली शिक्षा में होगा बदलाव, अब 10+2 की जगह होगी 5+3+3+4 में पढ़ाई

New Education Policy 

Published - 15 February, 2024

केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020) के बारे में बताया जिसमें उन्होंने स्कूली शिक्षा के फॉर्मेट के बारे में जानकारी दी।

शिक्षा मंत्री का ऐलान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नई शिक्षा नीति में स्कूलों में 10+2 की जगह 5+3+3+4 फार्मेट अपनाया जायेगा। जो स्कूली शिक्षा को और भी बेहतर बनाएगा।

स्कूली शिक्षा में होंगे बदलाव  

भारत जैसी एक संतुलित सभ्यता, दुनिया के विकास का केंद्र बिंदु बने, इसलिए हमें विकसित, आत्मनिर्भर देश बनना होगा, जिसके लिए शिक्षा में बदलाव बहुत जरुरी है।  

क्यों है जरुरी

10+2 फॉर्मेट में हमारी पहली क्लास से पढ़ाई शुरू होती थी, जो 1st से 12th तक 12 साल की व्यवस्था थी, जिसे अब 15 साल में (5+3+3+4) बांटकर किया गया है।

5+3+3+4 फार्मेट क्या है?

बच्चों का मानसिक विकास तीन से आठ वर्ष की आयु में 85% हो जाता है इसी के आधार पर शिक्षा को व्यवस्थित तरीके Age-3 से शुरू किया जा रहा है।

मानसिक विकास पर आधारित

5+3+3+4 फॉर्मेट में 5 यानी फाउंडेशनल स्टेज जिसे दो भागों में बांटा गया है, पहला जिसमे प्री-स्कूल के 3 साल + प्राथमिक स्कूल में 2 साल, यानि कि 8 साल की उम्र में बच्चा दूसरी क्लास पास कर लेगा।

5+3+3+4 फॉर्मेट डिटेल में

दूसरी कक्षा से 5वीं, फिर क्लास 8 तक +3 और फिर 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं तक +4 फॉर्मेट होगा, इसमें दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएंगी।

2 बार होगी बोर्ड परीक्षा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश पर NCF(National Curriculum Framework) बनी और उनका लर्निंग और टीचिंग लर्निंग मैटेरियल भी आ गया है, जिसे जादुई पिटारा नाम दिया गया है।

क्या है जादुई पिटारा

इस फॉर्मेट के अन्तर्गत पढ़ाई की शुरुआत, किताबों से नहीं, बल्कि खिलौनों, कहानियों, मैजिक, गीत, डांस से होगी, बच्चों के प्ले स्कूलों को फॉर्मल रूप देना है।

प्ले स्कूलों को मिलेगा फॉर्मल रूप

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गणित और भाषा का इंट्रो खेल-खेल में शुरू होगा, 8 साल तक इसपर ध्यान देते हैं तो बच्चे की क्रिटिकल थिंकिंग बनेगी, देशभर में इस पर काम शुरू हो चुका है, आने वाले 3-4 सालों में लाभ देखने को मिलेगा।

 हो चुका है लागू

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