CBSE Board 2023
Published - 27 July, 2023
CBSE बोर्ड देश के सबसे बड़े एजुकेशन बोर्ड में से एक है, हर साल लाखों स्टूडेंट्स CBSE एफिलिएटेड स्कूल से शिक्षा लेते हैं, हाल ही में CBSE ने नोटिस जारी कर देश के सभी CBSE schools में क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा उपलब्ध कराने का लेकर जोर दिया है
अब तक CBSE बोर्ड में सिर्फ़ इंग्लिश और हिंदी भाषा में ही पढ़ाई उपलब्ध थी, लेकिन अब स्टूडेंट्स 22 अलग अलग क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई कर सकेगें।
CBSE के इस फ़ैसले से बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा जो नैशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत आता है। इस फ़ैसले के बाद छात्र अपनी क्षेत्रीय व मातृभाषा में 12वीं तक की शिक्षा ले सकेगें
NEP 2020 में केंद्रीय सरकार ने स्कूल एजुकेशन में क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर देने की बात कही थी जिससे स्टूडेंट्स विषय को समझने और को याद रखने में अधिक मदद मिलती है
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से शिक्षा निदेशक जोसेफ इमैनुएल का कहना है कि अब CBSE में पढ़ाया जाने वाला NCERT का सिलेबस और किताबें क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा मिली रिपोर्ट के मुताबिक CBSE की इन NCERT किताबों को, संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 अलग- अलग भाषाओं में बनाने की अनुमति दी जाएगी।
CBSE स्कूल्स में पढ़ रहे बच्चों को प्री- प्राइमरी से लेकर 12th क्लास तक 22 अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में अध्ययन करने का मौका मिलेगा। CBSE ने इस बारे में स्कूलों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
CBSE ने बोर्ड से सम्बंधित सभी स्कूलों को सूचना देते हुए कहा कि प्रयास करें की कक्षा 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाई मातृ भाषा/ क्षेत्रीय भाषा में चुनने के विकल्प की सुविधा दी जाए, फिर उससे आगे 12वीं तक लागू किया जाए।
CBSE ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्राथमिक कक्षाओं से लेकर 12वीं कक्षा तक निर्देशों के वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं को उपयोग में लाने की कोशिश होनी चाहिए
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “अपने सभी विद्यालयों में बालवाटिका से कक्षा 12वीं तक भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए CBSE को बधाई देता हूँ।”