ISRO Chief S Somanath
Published - 24 August , 2023
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद देश और दुनिया में ISRO का ही नाम है, इस मिशन को सफल बनाने का श्रेय ISRO चीफ एस सोमनाथ और चंद्रयान 3 मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को जाता है।
S Somanath ISRO के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक है, उन्हें इस साल जनवरी में इसरो चीफ के पद पर नियुक्त किया गया, इस समय वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 10वें और वर्तमान अध्यक्ष है
एस सोमनाथ का जन्म जुलाई 1963 में केरल के अलापुझा जिले में हुआ। विज्ञान और अंतरिक्ष में प्रभावित होकर उन्होंने बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सोचा था।
एक TV चैनल को दिए इंटर्व्यू में उन्होंने बताया "जब मैं स्कूल में था तो दूसरों की तरह मैं भी स्पेस को लेकर बहुत फेसिनेटिंग था, सूरज, चांद और तारों को लेकर"
एस सोमनाथ की शुरुआती पढ़ाई स्थानीय शिक्षण संस्थानों से हुई इसके बाद उन्होंने TKM कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग कोल्लम से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने बंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस (IISc) से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और यहां वे गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं.
1985 में उन्होंने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर जॉन किया और करियर की शुरुआत PSLV प्रोग्राम से की। आपको बता दें PSLV को डेवलप करने में सोमनाथ का खास योगदान रहा है
वैज्ञानिक एस सोमनाथ स्पेस टेक्नॉलजी से जुड़े कई विषयों के एक्सपर्ट हैं. उन्हें स्ट्रक्चरल डायनेमिक्स, लॉन्च व्हीकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, मैकेनिज्म डिजाइन और पायरोटेक्निक में विशेषज्ञता हासिल की है।
वे 2010-14 तक GSLV एमके-3 प्रोजेक्ट के निदेशक रह चुके है, इसमें उन्होंने स्पेस रॉकेट GSLV एमके-3 लॉन्चर को डेवलप करने वाले वैज्ञानिकों की टीम के मुखिया रह चुके हैं
Chandrayaan-2 के लैंडर के इंजन को सोमनाथ और उनकी टीम ने ही डेवेलप किया था. इसके साथ ही उन्होंने ISRO के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर की भी कमान संभाली थी ।