MBBS New Guidelines 2024
Published - 5 September , 2023
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने MBBS कोर्स में कई बड़े बदलाव किए हैं जिसके अंतर्गत पासिंग क्राइटेरिया और कुछ विषयों को कम करने की बात भी कही गई है, आगे जानें पूरी बात।
NMC ने MBBS के उन विषयों का पासिंग क्राइटेरिया कम कर दिया है जिनके दो पेपर होते हैं। दो पेपर वाले विषयों में पहले 50% अंक आना जरुरी था लेकिन अब यह प्रतिशत बदल गया है।
नए सत्र में जो भी उम्मीदवार MBBS की पढ़ाई करेंगे उन्हें दो पेपर वाले विषयों में कम से कम 40 प्रतिशत पासिंग मार्क्स लाने होंगे।
प्रतिशत के बदलाव के साथ NMC ने MBBS की पढ़ाई पूरी करने की समय-सीमा में भी परिवर्तन किया है, अब आपको 10 साल के अंदर MBBS की पढ़ाई पूरी करनी होगी।
नई ऑफिसियल जानकारी के मुताबिक MBBS स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षा में अलग-अलग कुल 50% अंक लाने होंगे। थ्योरी में कम से कम 60:40 और प्रैक्टिकल में 40:60 अंक होने चाहिए।
MBBS कोर्स में तीन विषयों को हटाया गया है जिसमें टीबी एंड चेस्ट, पीएमआर और इमरजेंसी मेडिसिन शामिल हैं, यह विषय अब दूसरे विषय में मर्ज करके पढ़ाए जायेंगे।
अब नए सेशन में टीबी एंड चेस्ट और इमरजेंसी मेडिसिन को जनरल मेडिसिन के साथ और पीएमआर को ऑर्थोपेडिक्स के साथ मर्ज करके पढ़ाया जायेगा।
NMC ने नई गाइडलाइन्स के मुताबिक MBBS की सीटों में भी बदलाव किया है, अब नए मेडिकल कॉलेज के लिए MBBS की अधिकतम सीटें केवल 150 ही होंगी।
नए नियमों के अनुसार NMC का पूरा ध्यान इस बात पर है कि क्वांटिटी से ज्यादा फोकस बेहतर क्वालिटी पर किया जा सके।