Supreme Court and High Court Judge
Published - 7 October , 2023
देश का हर युवा सरकारी नौकरी पाना चाहता है, अगर बात करें जज की उपाधि की तो यह एक सरकारी पोस्ट है, युवाओं के लिए ये किसी सपने से कम नहीं होगा अगर वह सिविल कोर्ट में जज बने।
अधिकांश लोगो को इस बात का अनुमान नहीं होता की जज बनने के लिए क्या करना होता है और क्या योग्यता चाहिए होती है, इस स्टोरी के माध्यम से हम आपको पूरी जानकारी देंगे।
सबसे पहले 12th पास करने के बाद आपको मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा करना होगा उसके बाद आपको LLB का कोर्स भी करना होगा।
लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपको “ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम” को क्वालीफाई करना होगा, इस परीक्षा में तीन चरणों को पार करके आपका सलेक्शन होगा।
जज की पोस्ट पर नियुक्त होने के लिए आपको प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू को पास करना होगा, इन चरणों के आधार पर ही मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है।
उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना चाहिए, हाईकोर्ट में जज बनने के लिए आपके पास वकालत में 10 साल का अनुभव होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लिए यह आवश्यक है कि उम्मीदवार पहले हाईकोर्ट में 5 साल जज की पोस्ट पर रहा हो या हाईकोर्ट में 7 से 10 तक वकालत की हो।
कॉलेजियम के परामर्श से सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इस प्रोसेस में देश के मुख्य न्यायाधीश और SC के चार सीनियर जज भी शामिल होते हैं।
एक जूनियर सिविल जज की सैलरी 45000 रूपए प्रति माह होती है और अगर बात करें सीनियर जज के वेतन की तो उनका मासिक वेतन लगभग 80 हजार रूपए होता है।
हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की सैलरी लगभग 2.50 लाख रूपए महीना होती है और अन्य जजों का मासिक वेतन 2.25 लाख रूपए होता है।
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का वेतन लगभग 2.80 लाख रूपए महीना होता है और अन्य जजों का मासिक वेतन 2.50 लाख रूपए होता है।