How to become an MLA
Published - 5 December, 2023
भारत में मुख्यतः दो प्रकार के चुनाव लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनाव होते हैं, जिनमें जीत हासिल कर सांसद एवं विधायक बनते हैं।
किसी राज्य में सरकार बनाने के लिए विधानसभा चुनाव आयोजित किये जाते हैं इनका आयोजन 5 साल में एक बार किया जाता है।
किसी भी राज्य में विधायक की लिमिटेड सीट होती हैं या हम कह सकते हैं कि विधायक का सीधा संबंध विधानसभा की सीटों से होता है।
किसी राज्य के विधायक (Member of the Legislative Assembly) को विधानसभा का सदस्य कहा जाता है। जिन्हे जनता द्वारा वोट देकर चुना जाता है। एवं विधायकों का ही समूह राज्य में सरकार बनाता है।
भारत के राज्यों में विधायकों का चुनाव जिला और तहसील स्तर पर होता है। कुछ राज्यों के जिलों में 1-3 विधायक होते हैं, हालांकि यह जनसँख्या पर भी निर्भर करता है।
विधानसभा का सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार का भारत का नागरिक होना एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरुरी है।
कैंडिडेट की उम्र 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। एवं उसका नाम उस राज्य के निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में होना आवशयक है
राज्य में विधायक बनने के लिए किसी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, अधिकांश विधायकों के पास ग्रेजुएट डिग्री है।
चुनाव के दौरान किसी भी सरकारी पद पर पहले से कार्यरत नहीं न हो, और नाही कैंडिडेट का कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड हो।
विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने वाली पार्टी के विधायक (MLA) ही पार्टी के किसी एक सदस्य को राज्य का मुख्यमंत्री चुनते है।
किसी राज्य के विधायक की सैलरी 27 हज़ार से 2 लाख 50 हज़ार के बीच होती है आप किस राज्य से हैं यह इस पर निर्भर करता है, इसके अलावा उन्हें कई प्रकार के अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं।
MLA की सैलरी हर राज्य में अलग-अलग है, उदाहरण के लिए, तेलंगाना और दिल्ली सरकार अपने विधायकों को सबसे अधिक सैलरी देती हैं, जबकि त्रिपुरा राज्य सबसे कम प्रदान करता है।