Career as Tunnel Engineers
Published - 30 November, 2023
टनल का इस्तेमाल यात्रियों, पानी, सीवेज आदि के ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जाता है, इनकी खासियत है कि, इनके इस्तेमाल के समय जमीन के ऊपर हो रही गतिविधि में कोई बाधा नहीं आती है।
टनल इंजीनियरिंग सिविल इंजीनियरिंग, जियोलाजिकल इंजीनियरिंग और माइनिंग इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग आदि का मिश्रण है।
टनल इंजीनियर बनने के लिए जो भी क्वालिफिकेशन और डिग्री और स्किल्स चाहिए, उनके बारे में आगे बताया गया है।
सिविल इंजीनियरिंग, जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग या माइनिंग इंजीनियरिंग संबंधित क्षेत्र में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करें।
अपनी पढ़ाई के दौरान टनल इंजीनियरिंग से संबंधित प्रोजेक्ट या रिसर्च वर्क से जुड़े इसके अलावा सिविल इंजीनियरिंग या जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग फर्मों में इंटर्नशिप या एंट्री लेवल के पदों के लिए भी अप्लाई करते रहें।
किसी प्रोजेक्ट में आपको एक बड़ी टीम के साथ काम करना होता है जिसमे किसी भी प्रकार का Miscommunication एक बड़ी दुर्घटना में बदल सकता है इसलिए आपका सबके साथ सही कम्युनिकेशन होना बहुत जरूरी है।
इन योग्यताओं और स्किल्स के अलावा, टनल इंजीनियर को NATM (New Austrian tunneling method) और TBM (tunnel boring machine) टेक्नोलॉजी का ज्ञान होना भी जरुरी है।
भारत एक विकासशील देश है जहां हर रोज़ नए-नए Construction हो रहे हैं इनमे भूमिगत Tunnel Construction का भी बहुत बड़ा भाग है इसीलिए टनल इंजीनियरिंग की डिमांड भी बढ़ती जा रही है
टनल इंजीनियर्स का मुख्या काम एनालिसिस करना, डिजाइन, कंस्ट्रक्शन एवं ऑप्रेशन के दौरान टनल की सुरक्षा के लिए भी यही जिम्मेदार होते हैं।
Glassdoor की रिपोर्ट के अनुसार टनल इंजीनियरिंग की सैलरी इंडिया में 1,73,615/- per month है। यह सैलरी एक्सपेरिएंस और पोस्ट पर भी निर्भर करती है।